मटर में दिवाली तक 600 रुपए तेजी के आसार

नई दिल्ली, 6 मई (एनएनएस) मटर का घरेलू उत्पादन अधिक होने के बावजूद कनाडा से आने वाली मटर पर सरकार द्वारा रिस्ट्रिक्टेड प्रतिबंध लगा दिए जाने से आगे माल की कमी रहने वाली है, इन परिस्थितियों में कानपुर सहित अन्य मंडियों में मटर के भाव 600 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ जाएंगे।

हम मानते हैं कि इस वर्ष मटर का घरेलू उत्पादन अधिक हुआ है, लेकिन विदेशी मटर की भारी कमी होने से भविष्य में अच्छी तेजी के आसार बनने लगे हैं। जिंदल ओवरसीज कार्पोरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर प्रदीप जिंदल ने बताया कि सरकार द्वारा कनाडा से आने वाली मटर पर रिस्ट्रिक्टेड प्रतिबंध लगा हुआ है, जिसके चलते घरेलू उत्पादन से खपत की पूर्ति हो पानी मुश्किल लग रही है। यह भी बताते चलें कि रिस्ट्रिक्टर प्रतिबंध का मतलब यह होता है कि ओजीएल में मटर नहीं आ पाएगी। सरकार द्वारा आयात के लिए कोटा परमिट जारी किया जाता है जो अभी तक कोटा आयात के लिए जारी नहीं किया गया है। श्री जिंदल ने बताया कि कोटा परमिट जारी होने के बाद लाइसेंस लेना पड़ता है। इसके बाद वहां से आयात होगा। इस प्रक्रिया में अभी लंबा समय लग सकता है, दूसरी ओर उत्पादक मंडियों में 5100/5200 रुपये प्रति क्विंटल से कम में ट्रक लोड माल नहीं मिल रहा है। लूज मंडियां 4700/4800 रुपये चल रही हैं, जो देसी चने के नीचे बिक रही हैं, जिससे इसकी खपत इस बार चने की जगह पर भी होगी। तुवर एवं मसूर की दाल महंगी है, इसकी जगह खपत बढ़ेगी। इन सारी परिस्थितियों को देखते हुए मटर की आगे चलकर किल्लत बन सकती है। हम मटर की खपत में आत्मनिर्भर नहीं है।तथा मटर की उत्पादकता हमारी खपत के अनुरूप नहीं हैं, इसलिए हमें आयात करना जरूरी होता है। अब वास्तविकता यह है कि इस रिस्ट्रिक्टेड प्रतिबंध में मटर का आयात बिना सरकार के परमिशन से होना नहीं है, अत: कोटा-लाइसेंस की प्रक्रिया को देखते हुए जो मटर कानपुर में 5200 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है, उसके भाव आगे चलकर 5800 रुपए हो सकते हैं।

About Post Author