सरसों : तेजी के आसार कम

नई दिल्ली, 1 अप्रैल (एनएनएस) तेल मिलों की मांग घटने से हाल ही में सरसों के भाव 300 रूपये प्रति कुंतल घट गए, उत्पादन अधिक होने की संभावना के भविष्य सरसों की कीमतों में लंबी तेजी की संभावना नहीं है।

उत्पादक क्षेत्र से आवक बढ़ने तथा  तेल मिलों की मांग घटने से लॉरेंस रोड पर सरसों के भाव मार्च माह के दौरान ऊपरी स्तर 300 रूपए घटकर 5150/5200 प्रति कुंतल रह गए। राजस्थान की मंडियों मे उठाव कमजोर होने से सरसों के भाव लूज में 4500/4600 रूपये प्रति कुंतल रह गए।जयपुर पहुंच में इसके भाव 5450 प्रति कुंतल बोलें गए ।सरसों का उत्पादन  राजस्थान उत्तर प्रदेश हरियाणा पंजाब गुजरात मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ इत्यादि  राज्यों में होता है सरकार द्वारा सरसों का समर्थन मूल्य बढ़ाए जाने से किसानों का रूझान सरसों फसलों की तरफ बढ़ा है जिसके कारण चालू सीजन में सरसों के बिजाई का रकबा 100 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में हो गया। 17 मार्च को संपन्न हुए 44 में रवि सेमिनार में चालू सीजन के दौरान देश में सरसों का उत्पादन अनुमान 123 लाख टन के लगभग होने का लगाया गया है जबकि जबकि गत वर्ष इसका उत्पादन 113 लाख टनके लगभग हुआ था । देश के विभिन्न मंडियों में सरसों की आवक 8लाख बोरी के लगभग दैनिक के हो रही है। उत्पादन अधिक होने के साथ-साथ पुरानी सरसों का बकाया स्टाक  12 लाख टन के आसपास होने  की है। जिसके  स्टाकिस्टों  की बिकवाली का दबाव बना हुआ है वर्तमान हालात को देखते हुए सरसों की कीमतों में ज्यादा तेजी की संभावना नहीं है। अगले माह से सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद चालू हो जाएगी वर्तमान हालात को देखते हुए नए मालों की आवक का दबाव बढ़ने  सरसों के भाव नीचे में 5200/5300 रुपए प्रति कुंतल बन सकते हैं उसके बाद बाजार सुधरने लगेगा।

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