माल की कमी से मखाना फिर उछलने को तैयार हुआ
नई दिल्ली, 1 अप्रैल (एनएनएस) चालू महीने के अंतराल मखाना में मुनाफा वसूली बिकवाली आने एवं एमएसएमई के चक्कर में लिवाल पीछे हट गए थे, जो 31 मार्च के बाद फिर से उस कानून में समय की अवधि में आसानी हो जाने से नए वित्तीय वर्ष की डिलीवरी में माल की लिवाली आ गई है, जिससे बाजार अंदर से गर्म होने लगा है तथा जल्दी इसमें 140/150 रुपए प्रति किलो की फिर तेजी के आसार बन गए हैं।
मार्च के शुरुआत से ही मखाने में मुनाफा वसूली बिकवाली चल रही थी तथा बाहर के कारोबारी एवं ट्रेडर्स के माल काफी कट चुके हैं। दूसरी ओर फोड़ी पहले ही गांव जा चुके थे, जिससे कच्चा माल आना मंडियों में समाप्त हो गया है। मार्च क्लोजिंग से भी सभी कारोबारी अपना माल निपटने में लगे हुए थे। दूसरी ओर तैयार माल स्टॉक में बहुत कम बचा है। कुछ ही गिने-चुने घरों में ही है। यही कारण है कि महीने का अंतिम दिन होने के चलते अप्रैल के प्रथम सप्ताह की डिलीवरी में खरीद फिर से शुरू हो गई है तथा निर्याततक भी माल पकड़ने लगे हैं। इधर स्नैक्स निर्माता कंपनियां भी खरीद करने लगी है। यही कारण है कि हरदा में जो नीचे में 740 रुपए बिक गया था उसके भाव 760 रुपए तक बोलने लगे हैं तथा पूर्णिया गुलाब बाग दरभंगा लाइन में 700/710 रुपए तक का व्यापार हो गया था, इसमें भी 20 रुपए बढ़ाकर बोलने लगे हैं। नई फसल आने में अभी पूरा 4 महीने से अधिक का समय बाकी है तथा अप्रैल से जून तक मखाने की खपत अधिक रहती है। यही कारण है कि इसमें 150 से 200 रुपए प्रति किलो की तेजी के आसार दिखाई देने लगे हैं। इधर जयपुर के मखाना कारोबारी नरेश अग्रवाल ने बताया कि मार्च क्लोजिंग के चलते ग्राहकी की कमजोरी थी तथा नीचे भाव के कारोबारियों के हाथ में मखाना होने से पूरा 20-25 दिनों से मुनाफा वसूली बिकवाली चल रही थी। फलत: जो मखाना दिल्ली में 930/940 रुपए बिक गया था, उसके भाव 850/860 रुपए तक रह गए थे। अब इसके भाव 870/880 रुपए बोलने लगे हैं तथा बढ़िया मखाना 1150/1200 रुपए बिक रहा है। जयपुर अजमेर के साथ-साथ अमृतसर लुधियाना जालंधर आदि मंडियों की भी मांग नीचे वाले भाव में निकलने लगी है। इधर यूपी के कानपुर आगरा सहारनपुर एवं लखनऊ मंडी में भी मखाने का स्टॉक ज्यादा नहीं है, केवल तेजी मंदी करने वाले कारोबारी के पास माल था, जो अपनी मुनाफा वसूली बिकवाली करने लगे हैं। जिसके चलते काफी माल कट गया है। नई फसल आने में लंबा समय बाकी है तथा निर्यातकों के हाथ में भी माल नहीं है, उधर फसल भी इस बार 20 दिन लेट बता रहे हैं, इन परिस्थितियों में मखाना अगले एक महीने के अंतराल 100 रुपए तथा नई फसल आने से पहले 200 रुपए प्रति किलो तक बढ़ सकता है।