इमली- अच्छी तेजी संभव

नई दिल्ली, 30 मार्च (एनएनएस) दक्षिण एवं मध्य भारत के उत्पादक क्षेत्रों में इस बार इमली का उत्पादन कम हुआ है। दूसरी ओर पुराना माल पिछले कई वर्षों का कट चुका है, जिससे भविष्य में भारी तेजी के आसार दिखाई दे रहे हैं। मंडियों में आवक देर से बनने से चालू माह के अंतराल ही दो-तीन रुपए किलो की तेजी आ गई है तथा आगामी जुलाई-अगस्त तक 10/12 रुपए बढ़ने के आसार बन गए हैं।

इसकी नई फसल इस बार एक महीने लेट शुरू हुई है तथा बेमौसमी बरसात से दक्षिण भारत में कच्ची इमली झड़ जाने से माल की शॉर्टेज बनने लगी है। दूसरी ओर पालघाट में जो एवरेज क्वालिटी की इमली आई थी, वह पहले ही स्टॉकिस्टों द्वारा खरीद लिया गया है तथा पुराना माल विगत दो-तीन वर्षों से बाजार मंदे होने से होने भाव में कट गया है। दूसरी ओर झारखंड के रांची सिंहभूमि, बोकारो एवं राउरकेला लाइन में भी इमली की फसल इस बार संतोषजनक नहीं है तथा वहीं पर भाव ऊंचे होने से कारोबारी माल पकड़ते गए हैं। यही कारण है कि वहां के पड़ते उत्तर भारत की मंडियों के लिए नहीं लग रहे हैं। इधर उड़ीसा पश्चिम बंगाल एवं असम में भी भाव ऊंचे चल रहे हैं, क्योंकि वहां भी इमली का उत्पादन कम हुआ है। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में अकेले कुल उत्पादन का 50-52 प्रतिशत इमली का उत्पादन होता है, जो इस बार जगदलपुर, बीजापुर, बस्तर सहित अन्य उत्पादक क्षेत्रों में क्वालिटी तो बढ़िया आई है, लेकिन इमली का साइज इस बार छोटा है। दूसरी ओर हल्की क्वालिटी के माल कम आए हैं, जिससे उत्पादक मंदिरों में ही भाव ऊंचे चल रहे हैं। यही कारण है कि उत्तर भारत की मंडियों में बिक्री कम के बावजूद भी पिछले एक सप्ताह के अंतराल तीन-चार रुपए बढ़कर 38/39 रुपए प्रति किलो बीज वाली इमली हो गई है। हालांकि जयपुर मंडी से व्यापार अधिक होने से दिल्ली का व्यापार कमजोर जरूर हुआ है, लेकिन वास्तविकता यह है कि वाया दिल्ली बिकने वाले माल का भाड़े बढ़ने से बहुत ही कम व्यापार रह गया है, जिससे अधिकतर मंडियों से पड़ते में, दिल्ली में भाव नीचे चल रहे हैं, इन सारी परिस्थितियों को देखते हुए इमली का व्यापार इस बार बहुत ही बढ़िया रहने वाला है। व्यापारियों का मानना है कि किसी भी घर में स्टॉक ज्यादा नहीं है, पुराने माल कारोबारियों ने दुखी होकर हर भाव में बेचते चले गए हैं तथा जयपुर मंडी ऊंची बिकने से यहां माल कम आ रहा है। उधर जगदलपुर लाइन से सीधे अमृतसर लुधियाना जालंधर के अलावा हिमाचल के लिए भी माल जा रहा है। इधर पश्चिम बंगाल में भी इस बार इमली कम हुई है, जिससे हल्की क्वालिटी की इमली झारखंड वाली वहां जा रही है, इन सारी परिस्थितियों को देखते हुए जो इमली इस समय 38 रुपए बिक रही है, इसके भाव जुलाई-अगस्त तक 48/50 रुपए प्रति किलो बन सकते हैं।

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